Joram Movie Review: मनोज बाजपेयी की मच अवेटेड फ़िल्म ‘जोरम’ थियेटर में रिलीज़ हो चुकी है। फ़िल्म की स्टोरीलाइन ‘दसरू’ और उसकी पत्नी ‘वानो’ की है। यह फ़िल्म झारखंड के मूल आदिवासियों की आर्थिक, सामाजिक तथा और राजनीतिक विकास पर आधारित है।
“मनोज बाजपेयी की नई फ़िल्म ‘Joram’ रिलीज़ हो चुकी है। फ़िल्म में मनोज बाजपेयी के किरदार से अचंभित हुए लोग, कर रहें है उनके एक्टिंग की सराहना।”
जोरम में मानवीय विसंगतियों और कुदरत को इतने बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है कि फ़िल्म आपको बेचैन कर देगी। ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज़ होने के 3 सालों के बाद इस फ़िल्म को थियेटर में अब रिलीज़ किया गया है।
Joram Movie Review: जोरम की कहानी?
‘जोरम’ फ़िल्म की कहानी दसरू यानी की मनोज बाजपेयी के इर्द-गिर्द ही घूमती है। इस फ़िल्म में यह दिखाया गया है कि एक खुशहाल जिंदगी जी रहे दसरू की पत्नी की हत्या कर दी जाती है। पुलिस दसरू पर ही उसके पत्नी के मर्डर का आरोप लगाते है। इसके बाद फ़िल्म की दिलचस्प कहानी शुरू होती है: दसरू कैसे अपनी 3 महीने की बच्ची ‘जोरम’ को पुलिस की नजरों से बचाकर गाँव पहुँचाना चाहता है।
यह कहानी न केवल दसरू और उसके 3 महीने की बच्ची की है बल्कि माइनिंग के कारण दिन-पर-दिन उजड़ रहे जंगल और जंगलों से प्रेम करने वाले लोगों का दर्द भी दिखाती है। इस फ़िल्म का निर्देशक देवाशीष मखीजा है।
Joram Movie Review: मनोज बाजपेयी का एक ज़बरदस्त परफॉरमेंस
अभिनय की बात करें तो एक बार फिर मनोज बाजपेयी ने इस बात को साबित कर दिया है कि हर किरदार में रच बस जाने का हुनर उन्हें खूब आता है। इस फ़िल्म के हर सीन में दसरू के दर्द, तकलीफ और उसकी छटपटाहट को बखूबी पेश किया है। फ़िल्म में मोहम्मद जीशान अयूब ने भी अपने किरदार को बखूबी निभाया है।
स्मिता तांबे भी ‘फुलो कर्मा’ के किरदार में बहुत प्रभावित करती हैं। उसके बोलने, प्रतिक्रिया करने के तरीके से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक सभी सराहनीय हैं। मेघा माथुर ने भी अपने किरदार को बढ़िया से पेश लिया है। फ़िल्म में अन्य किरदारों ने भी अपने-अपने किरदार के साथ बखूबी न्याय किया है।