Telangana Election Results 2023 Live Updates: 03 दिसम्बर को सुबह से ही मिल रहे तेलंगाना के विधानसभा चुनाव परिणाम के रुझानों में काँग्रेस को बहुमत मिलता दिख रहा है। मुख्यमंत्री केसीआर को लगातार तीसरी बार सत्ता में आने से काँग्रेस ने रोक दिया है। बीआरएस वोटों की गिनती में काँग्रेस से पिछड़ती जा रही है।
तेलंगाना की सभी 119 सीटों के रुझानों में ताजा जानकारी के मुताबिक काँग्रेस 64 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थी जबकि सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति सिर्फ 40 सीटों पर आगे चल रही थी। बीजेपी के खाते में 8 सीटें आती दिख रही हैं। तेलंगाना में बहुमत का आंकड़ा 60 सीटों का है जिसे काँग्रेस आसानी से हासिल करती दिख रही है। तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023 में 19 सीटें अनुसूचित जाति और 12 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थीं।
Telangana election results: 10 वर्षों बाद सत्ता से बेदखल हुई बीआरएस
2013 में तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से ही चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सत्ता में थी। मुख्यमंत्री केसीआर के नेतृत्व में बीआरएस ने 2018 का चुनाव भी जीता था और वे लगातार दो बार से राज्य के मुख्यमंत्री थे। काँग्रेस की इस जीत से बीआरएस सत्ता से बाहर हो गई है। तेलंगाना में असली लड़ाई काँग्रेस और बीआरएस पार्टी में ही थी। राज्य के एग्जिट पोल में भी काँग्रेस को बढ़त मिलती दिखाई दे रही थी।
राज्य के काँग्रेस मुख्यालय में जश्न मनाया जा रहा है। सुभा से चल रही वोटों की गिनती से मिलने वाले रुझान अब नतीजों में बदल रहे हैं। हालांकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में काँग्रेस की तगड़ी हार हुई है। बीजेपी ने चार में से तीन राजों में बहुमत हासिल कर के एक बार फिर साबित कर दिया है कि देश में आज बीजेपी से बड़ी कोई पार्टी नहीं है।
Telangana election results: तेलंगाना में चला रेवंत रेड्डी का जादू
10 साल के बाद तेलंगाना में पहली बार हो रहे सत्ता परिवर्तन का श्रेय राज्य में काँग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को दिया जा रहा है। रेवंत रेड्डी इस समय तेलंगाना से काँग्रेस के लोकसभा सांसद हैं। रेवंत रेड्डी कामारेड्डी सीट से मुख्यमंत्री केसीआर से भी आगे चल रहे हैं। माना जा रहा है कि काँग्रेस की इस जीत में रेवंत रेड्डी का अहम योगदान है। उनके घर के आगे जश्न चल रहा है।
तेलंगाना की राजनीति में प्रभावी दिखने वाले असदुद्दीन ओवैसी भी कुछ खास नहीं कर पाये हैं। उनकी पार्टी एआईएमआईएम सिर्फ तीन सीटों पर आगे चल रही है। विश्लेषकों की मानें तो असदुद्दीन ओवैसी के मुस्लिम वोट बैंक पर कांग्रेस हवी हो गई है।