तारा सुतारिया स्टारर ‘अपूर्वा’ फिल्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम की जा चुकी है। टाइगर 3 की धूम-धड़ाम के बीच रिलीज हुई अपूर्वा एक सरवाइवल थ्रिलर फिल्म है जिसने आलोचकों और फैंस का ध्यान खींचा है। सोशल मीडिया पर इस फिल्म के किरदारों की एक्टिंग की जमकर तारीफ हो रही है। फिल्म सिर्फ एक दिन और एक रात की घटनाओं पर आधारित है।
Movie Review: अपूर्वा
कलाकार: तारा सुतारिया , राजपाल यादव , अभिषेक बनर्जी , सुमित गुलाटी , आदित्य गुप्ता और धैर्य करवा आदि
लेखक: निखिल नागेश भट्ट
निर्देशक: निखिल नागेश भट्ट
निर्माता: मुराद खेतानी और स्टार स्टूडियोज
ओटीटी प्लेटफॉर्म: डिज्नी प्लस हॉटस्टार
रिलीज: 15 नवंबर 2023
रेटिंग: 3/5
जॉनर: थ्रिलर
फिल्म का निर्देशन निखिल नागेश भट्ट ने किया है जबकि अभिषेक बनर्जी, राजपाल यादव और सुमित गुलाटी सहायक भूमिकाओं में हैं। फीमेल लीड रोल में तारा सुतारिया हैं। यह कम बजट पर सीमित किरदारों और कुछ गिने-चुने लोकेशन पर बनी फिल्म है। इसलिए फिल्म की सारी जिम्मेदारी कलाकारों के अभिनय और कहानी के प्लॉट पर टिक गई थी।
तारा सुतारिया का बेहतरीन अभिनय
स्टूडेंट्स ऑफ़ द ईयर 2 से बॉलीवुड में अभिनय का डेब्यू करने वाली तारा को आखिर 4 साल बाद वह फिल्म मिल ही गई है जिसे किसी भी एक्ट्रेस को बतौर कलाकार इंतज़ार होता है। तारा सुतारिया ने ‘अपूर्वा’ फिल्म में अपने अभिनय से सबको हैरान कर दिया है। एक एक्ट्रेस के तौर पर वो प्रभावित करने में कामयाब हुई हैं।
क्या है अपूर्वा फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी अपूर्वा (तारा सुतारिया ) नाम की एक लड़की की कहानी है जो अपने बैंक कर्मी मंगेतर के जन्मदिन पर सरप्राइज़ देने के लिए अपने शहर ग्वालियर से आगरा जाती है। उसका मंगेतर आगरा में जॉब करता है। लेकिन अपना सफर अपूर्वा जिस बस में करती है उसके ड्राईवर और कंडक्टर की हत्या 4 खूंखार अपराधियों (राजपाल यादव, अभिषेक बनर्जी, सुमित गुलाटी) द्वारा हो जाती है।
जो 4 अपराधी बस के ड्राईवर और कंडक्टर की हत्या करते हैं उनकी बुरी नजर अपूर्वा पर भी पड़ जाती है। बस में ऐसे हालात बनाते हैं कि वे चारों मिलकर अपूर्वा को किडनैप कर लेते हैं और किसी सुनसान जगह पर ले जाकर रेप की कोशिश करते हैं। हालांकि अपूर्वा किसी तरह से उन चारों हत्यारों को चकमा देकर भागने में कामयाब हो जाती है।
लेकिन अपूर्वा के लिए मुसीबत खत्म नहीं होती क्योंकि चारों अपराधी अपूर्वा की तलाश करते हैं और उसके पीछे लग जाते हैं। अपूर्वा इस सुनसान जगह अकेली है और इन खूंखार अपराधियों से खुद को बचाने का पूरा प्रयत्न करती है। पूरी फिल्म एक दिन और एक रात की इन्ही घटनाओं पर आधारित है। भूल-भुलैया जैसी जगह पर एक बेबस लड़की कैसे खुद उन चारों अपराधियों के लिए काल बन जाती है, फिल्म की कहानी इसी प्लॉट पर केन्द्रित है।
फिल्म का स्क्रीनप्ले और अभिनय
निखिल नागेश भट्ट के निर्देशन में बनी अपूर्वा फिल्म के स्क्रीनप्ले में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं है। कहानी एक ही दिशा में आगे बढ़ती है और बीच-बीच में अतीत में जाकर अपूर्वा के प्रेम के बारे में कुछ दृश्य दिखाये गए हैं।
फिल्म की शुरुआत कुख्यात चम्बल की एक घटना से होती है जिसमें जुगनू (राजपाल यादव), सूखा (अभिषेक बनर्जी), बल्ली (सुमित गुलाटी) और छोटा (आदित्य गुप्ता) एक अपराध को अंजाम देते हैं।
हालांकि अपूर्वा में रोमांच और दहशत का जो असर दर्शकों पर होना चाहिए था वह नहीं है। फिल्म दृश्यांकन और भावनाओं के साथ सही तालमेल नहीं बैठा पाई है। उदाहरण के लिए चारों अपराधियों द्वारा बारी-बारी से अपूर्वा के साथ बलात्कार करने की प्लानिंग के दृश्य हास्य पैदा करते हैं ना कि डर और दहशत।
हालांकि दृश्यांकन में एकरूपता सी बन जाने के बाद इंटरेस्ट कुछ कम हो जाता है। फिल्म जल्द ही प्रीडेक्टिबल हो जाती है और रोमांच खत्म हो जाता है। अपराध की खबर होने पर भी पुलिस का एक्टिव नहीं होना कुछ बेढंगा लगता है।
लेकिन अभिनय के क्षेत्र में तारा सुतारिया एक नए तरह के किरदार में प्रभावित करती नजर आ रही हैं। ग्लैमरस किरदार से परे एक मामूली मध्य वर्गीय लड़की के रोल में उन्होने अच्छा प्रदर्शन किया है। अभिषेक बनर्जी भी अपने किरदार से प्रभावित करते दिख रहे हैं।