Online Loan देकर ग्राहकों को ठगने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली गई है। केंद्र सरकार के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक ने भी उधार लेने वालों को बिना सोचे-समझे असुरक्षित ऋण देने वाले ऋणदाताओं के लिए पूंजी मानदंडों को कड़ा कर दिया है। कॉरपोरेट ऋण में मंदी को देखते हुए बैंक ऋण के लिए खुदरा ग्राहकों के पीछे भाग रहे हैं।
अभी हाल ही में गूगल ने Online personal Loan देने वाले loan apps को प्रतिबंधित करने की घोषणा की है। ये loan apps आसानी से लोन देने के नाम पर पहले यूजर्स को अपने चंगुल में फँसाते हैं और फिर उनकी निजी जानकारियों प्राप्त कर लेते हैं। बाद में दिये गए लोन की वसूली में धोखाधड़ी और उत्पीड़न करने हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में बैंकों और गैर-बैंक ऋणदाताओं को व्यक्तिगत ऋण देते समय संभावित डिफ़ाल्ट को कवर करने के लिए रखी जाने वाली पूंजी की रकम भी बढ़ा दी है। यानी लोन देना भी अब आसान नहीं होगा।
Online Loan: लाइसेंस लेना होगा अनिवार्य
वेबसाइट और मोबाइल ऐप के माध्यम से Online Loan देने वाली कंपनियों के लिए सरकार ने आरबीआई के साथ मिलकर कई नियम बनाए थे। लेकिन बहुत सी कंपनियाँ अभी भी नियामक एजेंसियों को धोखा देकर और उनके नियमों में कोई-न-कोई कमी निकालकर अवैध तरीके से लोन बांटने का काम कर रही हैं।
हाल के दिनों में 50,000 रुपये से कम के ऐसे ऋणों में वृद्धि देखने को मिली है जो समय से वापस नहीं हो पाते हैं। अब Online Loan उत्पाद बेचने वालों को कानून के शिकंजे में लाने के लिए भारत सरकार संसद में कानूनी प्रावधान लाने की तैयारी कर रही है।
नए प्रावधान में कोई भी कंपनी या ऐप बिना लाइसेंस के किसी भी प्रकार का और किसी भी प्लेटफॉर्म के माध्यम से वित्तीय सेवाएँ नहीं दे पाएगा। इस नए प्रावधान की मदद से सरकार उन कंपनियों को बाद करने की तैयारी में है जो नियमों के दायरे से बाहर रहकर अवैध लोन देने और मनमाना ब्याज वसूलने का कारोबार कर रही हैं।
वहीं दूसरी ओर आरबीआई भी ऐसी कंपनियों के लिए एक विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करने की घोषणा कर चुकी है। ऑनलाइन लों देने वाले ये एप्स ग्राहकों की फोटो, वीडियो, कांटैक्ट, मीडिया, लोकेशन और काल-लाग जैसी बेहद निजी जानकारियों को इकठ्ठा कर लेते हैं और अपने निजी फायदे के लिए इस्तेमाल भी करते हैं।
Online Loan: उत्पीड़न की घटनाएँ
अवैध रूप से Online Loan देने वाली चीनी कंपनियों के जाल में फँसकर कई लोगों को उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है। कई लोग आत्महत्या भी कर चुके हैं। लोन कंपनी की ब्लैकमेलिंग से तंग आकार केरल और मध्यप्रदेश समेत देश के कई राज्यों में घटनाएँ हो चुकी है। मात्र 3700 रुपये के लोन के लिए उत्पीड़न से परेशान होकर एक व्यक्ति ने जान दे दी।
सरकार ने अवैध Online Loan apps को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाने की पूरी तैयारी कर ली हालांकि भारत सरकार ने पहले भी आरबीआई के साथ मिलकर ऐसे ऐप्स पर नकेल कसने की कार्यवाही की है। सरकार पहले ही इस संबंध में निर्देश जारी कर चुकी है कि अब सिर्फ वही ऐप्स और ऑनलाइन कंपनियाँ ग्राहकों को लों दे पाएँगी जो आरबीआई द्वारा स्वीकृत होंगी। सिर्फ सरकार से मान्यता प्राप्त ऐप्स और ऑनलाइन कंपनियों को गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर पर संचालन करने की अनुमति मिलेगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान समय में देश में लगभग 1000 से ज्यादा ऐसे Online instant Loan apps मौजूद हैं जिनकी कार्यप्रणाली संदिग्ध है। इनमें अधिकतर ऐप ऐसे हैं जिनका ना तो कोई फ़िज़िकल पता मौजूद है और ना ही कोई जानकारी है। सरकार पहले ही ऐसे ऐप्स पर कार्यवाही करते हुए 120 लोन बांटने वाले ऐप्स को बंद कर चुकी है।
Online Loan: ठगी की यहाँ करें शिकायत
इंस्टेंट और अवैध डिजिटल कर्ज देने वाले ऐप्स की शिकायत आरबीआई के पोर्टल ‘सचेत’ पर की जा सकती है। सचेत पोर्टल की शुरुआत आरबीआई ने फर्जीवाड़ा करने वाली ऑनलाइन लोन कंपनियों की शिकायत करने के लिए की है। शुरुआत के बाद से ही पोर्टल पर ऑनलाइन लोन ठगी और उत्पीड़न की शिकायतें मिल रही हैं जिनपर उचित कार्यवाही की जा रही है।